About Gyanendra Mishra

मेरे बारे मे जितना कुछ मैं कह सकता हूं उस से ज्यादा और सही तो मुझसे जुड़े लोग ही कह पायेंगे…
समझ नही पाता कि अपने बारे में क्या कहुं क्योंकि अपने आप को जानने समझने की प्रक्रिया जारी ही
है…निरंतर्……फ़िर भी…
जितना मैंने अपने-आप को जाना-समझा…
"बुरा जो देखण मैं चला,बुरा ना मिलया कोय,
जो मन खोजा आपणा तो मुझसे बुरा ना कोय"
शायद मैं अपने लिए धूर्त शब्द का प्रयोग कर सकता हूं।
जितना विनम्र उतनी ही साफ़-कड़वी ज़ुबान भी…शांत पर ज़िद्दी,कभी-कभी अड़ियल होने के हद तक…
अक्सर बातचीत के दौरान हल्की-फ़ुल्की बातें करके माहौल को हल्का बनाए रख्नना पसंद है।
कभी-कभी ऐसा लगता है कि मैं समझदार हूं (ऐसी गलतफ़हमी अक्सर बार-बार हो जाती है)…वहीं कभी कभी दुसरी ओर ऐसा लगता है कि मैं अभी भी नासमझ हूं…दुनियादारी सीखने मे मुझे और भी समय लगेगा…(यह सोच एक मजाक लगे पर शायद यही सच है)।
भीड़ मे रहकर भी भीड़ से अलग रहना मुझे पसंद है……कभी-कभी सोचता हूंकि मैं जुदा हूं दुसरों से,पर मेरे आसपास का ताना-बाना जल्द ही मुझे इस बात का एहसास करवा देता है कि नहीं,मैं दुसरों से
भिन्न नहीं बल्कि उनमें से ही एक हूं……!
"कर भला तो हो बुरा", जानें क्यों यह कहावत मुझ पर कुछ ज्यादा ही चरितार्थ होती है…करने जाता हूं किसी का भला,वापस लौटता हुं चार बातें सुनकर-अपनी बुराई लेकर…खैर…नेकी कर और दरिया में डाल…!
कभी लगता है कि मेरे अन्दर गुस्सा नाम की चीज् ही नहीं…लेकिन कभी-कभी यह भी लगता है कि मुझे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है…भावुक इतना कि भावनात्मक संवाद सुनकर या पढ़कर आँखें डब-डबा जाती है…
भले ही रुपए-पैसे से धनी नहीं पर दोस्तों के मामले में जरुर धनी हुं…दोस्त ही यह एहसास करवाते हैं कि मैं उनके लिए भरोसेमंद हूं…, पर मैं निश्चित तौर से कह सकता हूं कि मैं भरोसेमंद नहीं हूं…
बहुत ही रोमांटिक और स्वभाव से अंग्रेजी मे जिसे फ़्लर्ट और हिंदी मे रसिया कहा जाता है वह मुझ पर बिलकुल लागू होता है, यूं कहूं कि जहां देखी नारी वहां आंख मारी तो कुछ गलत नही होगा, अब ये अलग बात है कि आंख मारने जैसी हरकत नही कर पाता
मेरे स्वभाव में उत्सुकता कुछ ज्यादा ही है ..
इस सब के अलावा,बहुत से मौकों पर मैं इतना ज्यादा झुक जाता हुं कि लगे जैसे इस इंसान मे रीढ़ की हड्डी ही ना हो……पर मुझे लगताहै कि मुझमे वह सब कुट-कुट कर भरा हुआ है जिसे हम अंग्रेज़ी मे "ईगो" कह्ते हैं…
लब्बो-लुआब यह कि मैं एक आम भारतीय हुं जिसकी योग्यता भी सिर्फ़ यही है कि वह एक आम भारतीय है जिसे यह नहीं मालुम कि आम से ख़ास बनने के लिए क्या किया जाए फ़िर भी वह आम से
ख़ास बनने की कोशिश करता ही रहता है…।
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@If you can dream it, you can do it.
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